वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज :-सिंध प्रांत की राजधानी कराची पाकिस्तान का सबसे बड़ा शहर है। इस मंगलवार को जनगणना के अस्थायी आंकड़े सामने आए। उनमें बताया गया कि 2017 की तुलना में इस महानगर की आबादी में एक फीसदी की गिरावट आ गई है। अब ये आबादी एक करोड़ 58 लाख 50 हजार है...
पाकिस्तान में हाल में हुई जनगणना को लेकर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। आरोप है कि सिंध प्रांत में जानबूझ कर आबादी के एक बड़े हिस्से की गिनती नहीं की गई। इस विवाद से पहले ही कई मोर्चों पर संकट का सामना कर रही शहबाज शरीफ सरकार के लिए एक नई चुनौती खड़ी हो गई है।
सिंध प्रांत की राजधानी कराची पाकिस्तान का सबसे बड़ा शहर है। इस मंगलवार को जनगणना के अस्थायी आंकड़े सामने आए। उनमें बताया गया कि 2017 की तुलना में इस महानगर की आबादी में एक फीसदी की गिरावट आ गई है। अब ये आबादी एक करोड़ 58 लाख 50 हजार है। विशेषज्ञों ने कहा है कि ऐसी कोई सूरत नहीं हो सकती, जिससे कराची की आबादी घटती दिखे। आम तजुर्बा यह है कि पिछले पांच वर्षों में शहर की आबादी तेजी से बढ़ी है।
कराची निवासी विश्लेषक जब्बार नसीर ने कहा है कि महानगर में जन्म लेने वाले बच्चों की संख्या बढ़ी है। साथ ही बड़ी संख्या में लोग बाहर से भी यहां आए हैं। इसलिए जनगणना के आंकड़ों पर किसी के भी भरोसा करना मुश्किल होगा। नसीर ने वेबसाइट निक्कईएशिया.कॉम से कहा- ‘जनगणना दस्तावेजों में कराची की जनसंख्या घटी हुई दिखे, इसे समझ पाना असंभव है।’
जनगणना के अस्थायी आंकड़ों के मुताबिक पाकिस्तान की आबादी अब 23 करोड़ 30 लाख हो चुकी है। पिछली जनगणना में यह आंकड़ा 21 करोड़ 32 लाख सामने आया था। उस लिहाज से जनसंख्या में नौ प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज हुई है।
पाकिस्तान में जनगणना का काम बीते एक मार्च को शुरू हुआ था। इस काम में एक लाख 20 हजार कर्मचारियों को लगाया गया था। पिछली बार तक जनगणना पुराने तरीके से हुई थी। लेकिन इस बार गिनती करने वाले कर्मचारियों को डिजिटल टैबलेट दिए गए और सारा काम डिजिटल रूप में करने को कहा गया। गुरुवार को इस काम की समाप्ति हुई। डिजिटल गिनती होने के कारण लगातार आंकड़े अपडेट होते रहे।
जब्बार नसीर के मुताबिक जनगणना के पहले संभवतः कर्मचारियों की पूरी ट्रेनिंग नहीं हो पाई। इस वजह से कराची में लोगों को गिनने में उन्होंने गलती की। संसदीय मामलों के विश्लेषक एमबी सूमरू ने भी कहा है कि जनगणना आंकड़ों में कराची की जनसंख्या में वृद्धि क्यों नहीं दिख रही है, इस बारे में सरकार को तार्किक स्पष्टीकरण देने होंगे। उन्होंने कहा कि उसके बिना आम लोग इन आंकड़ों को स्वीकार नहीं करेंगे।
कराची में हाल में हुए स्थानीय चुनावों में जमाए-ए-इस्लामी पार्टी ने बहुमत हासिल किया था। उसने जनगणना आंकड़ों को ठुकरा दिया है और अपने समर्थकों से इसके विरोध में सड़कों पर उतरने का आह्वान किया है। पार्टी की कराची शाखा के प्रवक्ता जाहिद अस्करी ने अनुमान लगाया है कि कराची की वास्तविक जनसंख्या इस समय तीन करोड़ है। उन्होंने आरोप लगाया कि सिंध की प्रांतीय सरकार ने सियासी फायदों के लिए जानबूझ कर वास्तविक आंकड़ों को दबाया है।
सिंध के मुख्यमंत्री के विशेष सहायक वकार मेहदी ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा कि जनगणना की जिम्मेदारी पाकिस्तान ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स पर है। यह प्रांतीय सरकार का काम नहीं है। दूसरी तरफ अस्करी ने कहा कि अगर सिंध प्रांत की आबादी में आठ फीसदी की वृद्धि दर्ज हुई है, तो कराची की आबादी कैसे घट सकती है, जहां पूरे देश भर से लोग कामकाज की तलाश में आते हैं?