वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज:-उन्होंने कहा, 'पत्रकारों के खिलाफ हमले कभी भी स्वीकार्य नहीं हैं और हम सिर्फ अपना काम कर रहे मीडिया के किसी सदस्य के खिलाफ हिंसा की घटना और किसी भी राजनयिक सुविधा के खिलाफ हिंसा या तोड़फोड़ की किसी भी घटना की निंदा करते हैं।'
अमेरिकी विदेश विभाग के उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने बुधवार को कहा है कि राजनयिक मिशनों और राजनयिकों की सुरक्षा के लिए सभी उचित कदम उठाने के लिए अमेरिका प्रतिबद्ध है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए पटेल ने संयुक्त राज्य अमेरिका में भारतीय राजनयिक सुविधाओं पर हिंसा की घटनाओं की निंदा की। कहा कि हिंसा कभी भी विरोध का स्वीकार्य रूप नहीं है।
उन्होंने आगे कहा, 'हमारे वियना कन्वेंशन दायित्वों के अनुरूप, विभाग संघीय, राज्य और स्थानीय कानून प्रवर्तन अधिकारियों के साथ समन्वय सहित सभी उचित कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि इन सुविधाओं और उनके भीतर काम करने वाले राजनयिक व्यक्तियों की सुरक्षा और सुरक्षा की रक्षा की जा सके।'
पटेल वाशिंगटन डीसी में भारतीय दूतावास के बाहर हिंसक विरोध और सैन फ्रांसिस्को स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास में तोड़फोड़ पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे।
पटेल ने और क्या कहा?
वेदांत पटेल ने कहा, 'हम हाल ही में संयुक्त राज्य अमेरिका में भारतीय राजनयिक सुविधाओं पर विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसक घटनाओं की निंदा करते हैं। हम प्रदर्शनकारियों के प्रथम संशोधन अधिकारों और मुक्त भाषण गतिविधियों में संलग्नता का समर्थन करते हैं। हालांकि, हिंसा या हिंसा का खतरा कभी भी विरोध के रूप में स्वीकार्य रूप नहीं है।'
उन्होंने कहा, 'पत्रकारों के खिलाफ हमले कभी भी स्वीकार्य नहीं हैं और हम सिर्फ अपना काम कर रहे मीडिया के किसी सदस्य के खिलाफ हिंसा की किसी भी घटना और किसी भी राजनयिक सुविधा के खिलाफ हिंसा या तोड़फोड़ की किसी भी घटना की निंदा करते हैं।'
पिछले हफ्ते हुए थे हमले
बता दें कि पिछले हफ्ते, खालिस्तान समर्थकों के एक समूह ने यहां भारतीय दूतावास के सामने विरोध प्रदर्शन किया और हिंसा भड़काने की कोशिश की थी। यहां तक कि भारतीय राजदूत को धमकी भी दी, लेकिन कानून प्रवर्तन एजेंसियों के समय पर हस्तक्षेप ने उन्हें संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से रोक दिया।
कुछ दिन पहले खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारियों ने सैन फ्रांसिस्को स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमला किया था। भारत ने इस घटना पर नई दिल्ली में अमेरिकी प्रभारी डी'एफ़ेयर के साथ अपना "कड़ा विरोध" दर्ज किया और अमेरिकी सरकार से ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए उचित उपाय करने को कहा था।