वॉयस ऑफ़ ए टू जेड न्यूज़:-डा. अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) में कोरोना काल के बाद छात्रों का पैकेज कम हुआ है लेकिन नौकरी के मौके दोगुने हुए हैं। अधिक नौकरियों पर कब्जा सीएस करने वाले छात्रों ने जमाया है।
डा. अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) में कोरोना काल के बाद छात्रों का पैकेज कम हुआ है लेकिन नौकरी के मौके दोगुने हुए हैं। वहीं इंजीनियरिंग की पढ़ाई में कम्प्यूटर साइंस (सीएस) ब्रांच के प्रति छात्रों की रुचि बढ़ी है। इसके पीछे मुख्य वजह नौकरी के अवसर बढ़ना है। एकेटीयू में कोरोना से पहले और बाद में मिली नौकरियों के आंकड़े देखें तो आधे से अधिक नौकरियों पर कब्जा सीएस करने वाले छात्रों ने जमाया है। एकेटीयू के कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार मिश्र ने कहा, 'पढ़ाई के साथ ही नौकरी के अवसर पर भी चिंता करनी चाहिए। हम लगातार प्लेसमेंट की प्रक्रिया को बेहतर बनाने का प्रयास कर रहे हैं। जिसके अच्छे नतीजे सामने आ रहे हैं।'
- 50 फीसदी प्लेसमेंट कंप्यूटर साइंस में
- 4.5 लाख का हुआ छात्रों का औसत प्लेसमेंट
एकेटीयू की प्लेसमेंट सेल से मार्च 2021 से मार्च 2022 तक 10804 छात्र-छात्राओं को देश की बड़ी कम्पनियों में प्लेसमेंट मिला है। जिसमें 5056 छात्र सिर्फ सीएस शाखा के हैं। वहीं 2020 में प्लेसमेंट पाने वाले विद्यार्थियों की संख्या 5557 ही थी। कोर ब्रांच (मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, सिविल और इलेक्ट्रानिक्स) में 2519 विद्यार्थियों को ही नौकरी मिल सकी है। एमबीए के 1169 एवं एमसीए के 1368 को नौकरी मिली है। ये सारे सिर्फ वो प्लेसमेंट हैं जो सीधे एकेटीयू के माध्यम से विद्यार्थियों को मिले हैं। जबकि कॉलेज स्तर पर प्लेसमेंट अलग से कराए जा रहे हैं। सर्वाधिक पैकेज घटा, औसत में बढ़ोतरी एकेटीयू के छात्रों में मिली नौकरी में सर्वाधिक पैकेज में कमी देखने को मिली है । कोविड से पहले वर्ष 2019 में बीटेक कम्पयूटर साइंस के विद्यार्थी को 19 लाख रुपये का अधिकतम पैकेज मिला था। वहीं कोरोना के बाद वर्ष 2022 में कम्पयूटर साइंस में 14 लाख का सर्वाधिक पैकेज गया। औसत पैकेज कोरोना से पहले 3.5 लाख रुपये औसत था जो कोविड काल के बाद बढ़कर 4.5 लाख हुआ है। न्यूनतम पैकेज तीन लाख रुपए रहा।