वॉयस ऑफ़ ए टू जेड न्यूज़:-कानून व्यवस्था, ट्रैफिक और साइबर अपराध पुलिस के लिये नई चुनौती बनते जा रहे हैं। इनसे निपटने के लिये पुलिस ‘हैकथान’ का आयोजन कर रही है जिसमें अपराधी पकड़ने के लिए युवाओं की मदद लेगी।
पुलिस के पुराने तौर तरीकों से नई चुनौतियो का सामना नहीं किया जा सकता है। साइबर अपराधियों से लेकर इंटरनेट की बढ़ती दखलंदाजी की वजह से पुलिस की चुनौतियां भी तेजी से बढ़ रहीं हैं। कानून व्यवस्था, ट्रैफिक और साइबर अपराध पुलिस के लिये नई चुनौती बनते जा रहे हैं। इनसे निपटने के लिये पुलिस ‘हैकथान’ का आयोजन कर रही है। बरेली समेत पूरे प्रदेश से टेक्नोफ्रेंडली युवाओं को इनोवेटिव आइडिया के साथ आमंत्रित किया गया है। हैकथान में 18 वर्ष से अधिक आयु के युवा हिस्सा ले सकेंगे। ऐसे युवा जिनके पास प्रदेश की पुलिस के साथ साझा करने के लिये नई टेक्नोलाजी है। हैकथान में शामिल होने के लिये 25 अगस्त तक रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। हैकथान में चार तरीके की समस्याओं को प्रमुखता से रखा गया है। उन चार समस्याओं को सुलझाने का जिन युवाओं के पास सबसे शानदार और बेहतर प्लान होगा। वह पुलिस के पार्टनर बनेंगे। एक समस्या के समाधान के लिये उन्हें 50 हजार रुपये का पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र भी दिया जायेगा।
नई चुनौतियों से निपटने में मिलेगी मदद
हैकथान से नवीन चुनौतियों से निपटने में आवश्यक तकनीकी समाधान मिलेंगे। समाज के टेक्नो फ्रेंडली युवाओं के जरिये पुलिस व लोगों में समन्वय, अपराध नियंत्रण व आपराधिक मामलों में त्वरित निस्तारण में तेजी आयेगी। इससे समाज के हर वर्ग में सुरक्षा की भावना बढ़ेगी। लाइव फुटेज से एक निश्चित क्षेत्र में भीड़ व वाहन की संख्या की निगरानी से ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात मिलेगा। किसी क्षेत्र में भीड़ बढ़ने पर तत्काल अलार्म बजेगा।
युवाओं से इनोवेटिव आइडिया लेगी पुलिस एडीजी
एडीजी जोन राज कुमार ने बताया कि पुलिस हैकाथॉन के जरिये आधुनिक तकनीक को अपनाने व टेक्नोफ्रेंडली युवाओं के इन्नोवेटिव आइडिया को साझा कर लाभ लिया जायेगा। इसका उद्देश्य पुलिसिंग और समुदाय से संबंधित समस्याओं का समाधान करना भी है। स्मार्ट इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए एक लॉन्चपैड का निर्माण करना है।
सीसीटीएनएस में जीडी, एफआईआर से किसी शब्द विशेष जैसे-साम्प्रदायिक तनाव, जातिगत तनाव, अफवाह एक क्लिक पर सर्च करते ही मिल जायेगी। इसके बाद ऐसे शरारती तत्व व स्थानों को चिन्हित कर निरोधात्मक कार्रवाई की जा सकती है।