वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज:-'कैग गिरीश चंद्र मुर्मू ने गोवा में देशों के ऑडिट संगठनों के समूह सुप्रीम ऑडिट इंस्टीट्यूशंस या एसएआई-20 की बैठक का भी उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज वैश्विक स्तर पर डिजिटल प्लेटफॉर्म और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल हो रहा है।
भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) गिरीश चंद्र मुर्मू ने गुरुवार को कहा कि सुशासन, पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के जिम्मेदार उपयोग में देशों के ऑडिट संस्थानों की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसलिए ऑडिट संस्थानों को एआई तकनीक के हर पहलू से अवगत होना चाहिए।
इस दौरान उन्होंने भारत के G20 प्रेसीडेंसी के हिस्से के रूप में गोवा में देशों के ऑडिट संगठनों के समूह सुप्रीम ऑडिट इंस्टीट्यूशंस या एसएआई-20 की बैठक का भी उद्घाटन किया।
कैग मुर्मू ने कहा कि आज वैश्विक स्तर पर डिजिटल प्लेटफॉर्म और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल हो रहा है। इसलिए आईटी एप्लिकेशन को पहले से ही सर्वोच्च ऑडिट संस्थानों द्वारा उपयोग किया जा रहा है। सरकारें तकनीक को अपना रही हैं। उन्होंने कहा कि हम देखेंगे कि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर ऑडिट कैसे किया जाता है और हमारे संगठनों में क्षमता निर्माण कैसे करें। उन्होंने कहा कि यह SAI की सभी भागीदारी के लिए चिंता का विषय है और हम इस तकनीक पर काम कर रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि SAI-20 बैठक के दौरान विशेषज्ञों ने इस विषय पर कई नए आयाम प्रदान किए है। विशेषज्ञों ने हमें इस विषय पर नए आयाम के साथ विभिन्न पहलुओं से रूबरू कराया। आने वाले समय में सुप्रीम ऑडिट संस्थान सहयोग करेंगे, अपना ज्ञान साझा करेंगे और कुछ नियमों के साथ इन्हें सामने लाया जाएगा। कैग ने कहा कि हम तकनीकी विकास से निपटने के लिए कंप्यूटर शिक्षा पाठ्यक्रम शुरू करने की योजना बना रहे हैं।
मुर्मू ने कहा कि हमारे अधिकारी बहुत सक्षम हैं। अधिकतर, इंजीनियर क्षेत्र से हैं। हम इनकी क्षमता को उजागर करने के लिए कई प्रशिक्षण प्रणाली अपनाने वाले हैं। इसलिए भर्ती के समय कंप्यूटर शिक्षा को भी लागू करने की योजना बना रहे हैं क्योंकि भविष्य में अधिक से अधिक प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भविष्य में प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने के लिए लेखा परीक्षकों को भी इसके बारे में पता होना चाहिए ताकि वे सभी नए विकासों की उपयुक्त रूप से सराहना कर सकें।