वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज :-यूपी में विदेशी असलहों का इस्तेमाल बढ़ रहा है। एजेंसियां तस्करों का नेटवर्क तोड़ने में नाकाम हो रही हैं। जीवा हत्याकांड में मैग्नम अल्फा रिवॉल्वर का इस्तेमाल किया गया। यूपी में मैग्नम अल्फा रिवॉल्वर से पहली वारदात हुई है। इससे पहले, अजीत सिंह, मेराज और मुकीम काला के कत्ल में जिगाना पिस्टल इस्तेमाल हुई थी। अतीक व अशरफ पर भी जिगाना व गिरसान से गोलियां बरसाई गई थीं।
संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा को जिस चेकोस्लोवाकिया की मैग्नम अल्फा .357 बोर की रिवॉल्वर से गोली मारी गई उसका यूपी में किसी वारदात में पहली बार इस्तेमाल किया गया। प्रदेश में लगातार विदेशी असलहों का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है।
इससे पहले अतीक-अशरफ, मेराज, मुकीम काला और अजीत सिंह हत्याकांड में जिगाना व गिरसान पिस्टल का इस्तेमाल किया गया था। इन विदेशी हथियारों की सप्लाई कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई गैंग से जुड़े तस्कर कर रहे हैं। ऐसे में आशंका है कि इसी गिरोह से जुड़े तस्करों के जरिये शूटर विजय यादव को रिवॉल्वर मुहैया कराई गई।
प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद व उसके भाई अशरफ की हत्या में तुर्की की जिगाना व गिरसान पिस्टल का इस्तेमाल हुआ था। चित्रकूट जेल में मेराज व मुकीम काला को भी जिगाना पिस्टल से मौत के घाट उतारा गया था।
अजीत सिंह हत्याकांड में भी जिगाना का ही इस्तेमाल हुआ था। वहीं अब सात जून को लखनऊ के एससी-एसटी कोर्ट में गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा हत्याकांड को चेकोस्लोवाकिया की मैग्नम अल्फा-357 बोर की रिवॉल्वर से अंजाम दिया गया।
लॉरेंस गैंग से जुड़े तस्कर प्रदेश में विदेशी असलहों की कर रहे हैं सप्लाई
सूत्रों के मुताबिक, लॉरेंस विश्नोई गैंग बड़े पैमाने पर इस तरह के विदेशी हथियारों की सप्लाई करता है। सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में भी विदेशी असलहों का इस्तेमाल किया गया था। एक टीवी इंटरव्यू में लॉरेंस ने कुबूला था कि यूपी के उसके गिरोह के लोगों ने इन हथियारों को मुहैया कराया था। आशंका है कि विजय को ऐसे ही तस्करों ने तो नहीं असलहा मुहैया कराया।
...ताकि बचने की गुंजाइश न बचे
जिन वारदातों में जिगाना, गिरसान पिस्टल और अब मैग्नम अल्फा .357 बोर की रिवाॅल्वर का इस्तेमाल हुआ है, उसमें शूटर ने सभी टारगेट को मार गिराया। पलक झपकते इन विदेशी हथियारों से ताबड़तोड़ फायरिंग होती है। इनका इस्तेमाल इसीलिए किया जा रहा है, जिससे किसी भी तरह की चूक की गुंजाइश न रहे।
तस्करों का नेटवर्क ध्वस्त नहीं कर पा रहीं एजेंसियां
विदेशी असलहों की सप्लाई लगातार जारी है। जब वारदात होती है तब पता चलता है कि किस विदेशी असलहे का इस्तेमाल हुआ है। किस तरह से उसकी सप्लाई की गई। पिछले दो साल में इन असलहों का कई वारदातों में इस्तेमाल होने के बावजूद पुलिस, जांच व सुरक्षा एजेंसियां तस्करों के नेटवर्क को ध्वस्त नहीं कर पा रही हैं।
कोर्ट रूम में जीवा की हत्या
आपको बता दें कि पुलिस हिरासत में लखनऊ के एससीएसटी कोर्ट रूम में बुधवार दोपहर बाद मुख्तार अंसारी के बेहद करीबी कुख्यात अपराधी संजीव महेश्वरी उर्फ जीवा (50) की हत्या कर दी गई। वकील के लिबास में आए हमलावर ने कोर्ट रूम में ही रिवॉल्वर से ताबड़तोड़ छह राउंड फायरिंग की।
इस दौरान दो पुलिसकर्मियों, एक डेढ़ साल की बच्ची व उसकी मां को भी गोली लगी। जीवा पर हमलावर ने पीछे से फायरिंग की। वारदात के बाद वकीलों ने दौड़कर हमलावर को दबोच लिया और पीटकर पुलिस को सौंप दिया। घायलों को ट्रामा में भर्ती कराया गया है।
वारदात के बाद आक्रोशित वकीलों ने प्रदर्शन कर पथराव कर दिया। जिसमें एसीपी चौक का सिर फट गया। कई वाहन भी छतिग्रस्त हो गए। आलाधिकारी भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे तब हालात पर काबू पा सके।