वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज :-शाहजहांपुर में कांग्रेस से मुस्लिम प्रत्याशी घोषित होने से सपा में बेचैनी बढ़ी है। भाजपा और बसपा प्रत्याशी की घोषणा के बाद नगर निगम का चुनाव काफी दिलचस्प होने की संभावना है।
शाहजहांपुर में सोमवार से नामांकन शुरू हो गए, मगर अभी नगर निकायों के लिए भाजपा ने अपने प्रत्याशी घोषित नहीं किए हैं। वहीं सपा से महापौर पद के लिए घोषित प्रत्याशी अर्चना वर्मा ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। रविवार को कांग्रेस ने भी अपने प्रत्याशी की घोषणा कर दी। कांग्रेस से मुस्लिम प्रत्याशी घोषित होने से सपा में बेचैनी बढ़ी है। भाजपा और बसपा प्रत्याशी की घोषणा के बाद नगर निगम का चुनाव काफी दिलचस्प होने की संभावना है।
शाहजहांपुर नगर निगम के लिए महापौर का पहली बार चुनाव होना है। तीन मंत्रियों का शहर होने के कारण इस पद पर जीत हासिल करना भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन चुका है। पार्टी में अंदरखाने प्रत्याशी को लेकर मंथन हो चुका है।
जल्द हो सकती है प्रत्याशियों की घोषणा
संभावित प्रत्याशियों का पैनल बनाकर हाईकमान को भेजा जा चुका है। अब फैसला हाईकमान को करना है। रविवार को पहले चरण में होने वाले चुनाव को लेकर प्रत्याशी भाजपा ने घोषित कर दिए हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि एक या दो दिन में पार्टी शाहजहांपुर के प्रत्याशियों की घोषणा कर देगी। हालांकि सबसे ज्यादा निगाहें महापौर के प्रत्याशी के एलान पर टिकी हुईं हैं।
सपा ने अर्चना वर्मा को मेयर प्रत्याशी घोषित कर शुरुआती बढ़त बनाने का प्रयास किया है। मतदान में महज 25 दिन शेष रह गए हैं। ऐसे में सपा प्रत्याशी को जनसंपर्क और तैयारी के लिए अधिक समय मिलेगा। अर्चना ने अपना जनसंपर्क शुरू भी कर दिया है। वह जल्द ही नामांकन कराएंगी।
कांग्रेस ने निकहत इकबाल को बनाया प्रत्याशी
कांग्रेस ने नगर निगम में महापौर पद के लिए मुस्लिम प्रत्याशी पर दांव खेला है। रविवार दोपहर को उनके नाम की घोषणा कर दी गई। जिलाध्यक्ष रजनीश गुप्ता ने बताया कि कांग्रेस ने पूर्व चेयरमैन मोहम्मद इकबाल अंसारी की पत्नी निकहत इकबाल को प्रत्याशी घोषित किया है।
दसवीं पास निकहत इकबाल ने 1996 में महिला सीट होने पर शाहजहांपुर नगर पालिकाध्यक्ष का चुनाव लड़ा था। तब वह दूसरे नंबर पर रहीं थीं। उनके बेटे अनस इकबाल सपा में अल्पसंख्यक सभा में राष्ट्रीय सचिव रह चुके हैं। निकहत ने सपा में टिकट पाने को आवेदन भी किया था। सपा से अर्चना वर्मा को प्रत्याशी बनाए जाने से क्षुब्ध होकर अनस इकबाल ने लखनऊ में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की थी।
मुस्लिम मतों के बिखराव की आशंका से सपा बेचैन
नगर विधानसभा के साथ ही अभी तक पालिका अध्यक्ष के चुनाव में मुस्लिम मतदाता खास भूमिका निभाता रहा है। पहली बार होने वाले महापौर के चुनाव में करीब सवा तीन लाख मतदाता मतदान करेंगे। इनमें से एक लाख से ज्यादा वोट मुस्लिम बिरादरी का है। सपा यादव और मुस्लिम वोटों पर काफी भरोसा करती है। गत विधानसभा चुनाव में सपा प्रत्याशी तनवीर खां को एक लाख से ज्यादा वोट मिले थे।
ऐसे में कांग्रेस ने मुस्लिम प्रत्याशी उतारकर सपा के वोटों में सेंधमारी की तैयारी कर ली है। इससे सपा खेमे में हलचल बढ़ी है। अब निगाहें बसपा के प्रत्याशी पर टिकी हुईं हैं। अगर यहां से भी मुस्लिम प्रत्याशी को टिकट मिलता है तो सपा को नुकसान हो सकता है। हालांकि अर्चना वर्मा लोध (किसान) बिरादरी से आती हैं। लोध बिरादरी का भी वोट शहर में अच्छी-खासी संख्या में है। सपा की रणनीति मुस्लिम, यादव, लोध बिरादरी के साथ ही सभी वर्गों के लोगों के वोट पर टिकी हुई है।