वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज :-रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अफगानिस्तान से आनन-फानन में अमेरिकी सेना को वापस बुलाने के लिए मजबूर होना पड़ा था। इसके पीछे पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के कुछ फैसले थे।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने के अपने फैसले का बचाव किया है। बाइडेन ने युद्धग्रस्त देश से सेना की अराजक वापसी के लिए पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को जिम्मेदार ठहराया। इसके लिए व्हाइट हाउस ने गुरुवार को 12 पन्नों की एक रिपोर्ट जारी की है। इसमें ये बताया गया है कि 2021 में किन परिस्थितियों में अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना को बाहर निकाला गया। इस रिपोर्ट को कई कांग्रेस कमेटियों को भी भेजा गया है।
ट्रंप सरकार के फैसलों के चलते ऐसा करना पड़ा
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अफगानिस्तान से आनन-फानन में अमेरिकी सेना को वापस बुलाने के लिए मजबूर होना पड़ा था। इसके पीछे पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के कुछ फैसले थे। ट्रंप प्रशासन ने तालिबान के साथ अमेरिकी सैन्य की वापसी के लिए एक समझौते पर बातचीत की थी। इसी समझौते को पूरा करने के लिए बाइडेन ने अमेरिकी सेना को वापस बुलाया।
रिपोर्ट में और क्या कहा गया?
जब जो बाइडेन ने 20 जनवरी, 2021 को पदभार संभाला तब तालिबान सबसे मजबूत सैन्य स्थिति में थे। आधे से ज्यादा अफगानिस्तान पर वह कब्जा कर चुके थे।
उस समय अमेरिका के केवल 2,500 सैनिक अफगानिस्तान में थे, जो 2001 के बाद सबसे कम थे। ऐसे में तालिबानी अमेरिकी सेना पर कभी भी हमला कर सकते थे।
रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने 28 सितंबर, 2021 को गवाही दी। कहा, 'खुफिया जानकारी स्पष्ट थी कि अगर हम उस समझौते के अनुसार नहीं हटे, तो तालिबान हमारी सेना पर हमले फिर से शुरू कर देगा।'
हमें गर्व है कि हमने सुरक्षित अपने जवानों को वापस बुलाया
व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा समन्वयक जॉन किर्बी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि बाइडन प्रशासन को अफगानिस्तान से अपनी सैन्य वापसी पर 'गर्व' है। उन्होंने कहा, 'जिस तरह से सेना, विदेश सेवा और खुफिया समुदाय के सदस्यों ने इस वापसी को अंजाम दिया, उस पर राष्ट्रपति को बहुत गर्व है।'
उन्होंने कहा, 'मैं अपने पूरे जीवन में ऑपरेशन के आसपास रहा हूं और एक भी ऐसा काम नहीं है जो कभी भी पूरी तरह से योजना के अनुसार हो।' किर्बी ने कहा कि बाइडेन अपने फैसले को लेकर स्पष्ट थे। उनका मानना था कि या तो सभी अमेरिकी बलों को वापस लाया जाए या तालिबान के साथ लड़ाई फिर से शुरू कर दी जाए।