वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज :- सड़क किनारे के अनाड़ी फीटरों की वजह से ही कार आग का गोला बनती है। फाल्ट को सही करने या फिर कार में नया कुछ कराने की जो व्यवस्था कंपनी के वर्कशॉप में होती है, वह अब भी बाहर नहीं है। कंपनी में कंप्यूटरीकृत व्यवस्था है, जिससे एक पहलू की जांच हो जाती है और कार सुरक्षित हो जाती है, लेकिन बाहर ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है।
अनाड़ी फिटर से अगर काम कराएंगे तो आप की कार आग का गोला बन सकती है। तरंग क्रॉसिंग के पास उत्तर प्रदेश के कृषि निदेशक डॉ. पीके गुप्ता की कार में मंगलवार को आग शाॅर्टसर्किट से लगी थी। जांच में पता चला है कि कार में सायरन और कुछ अन्य काम चालक ने बाहर से कराया था, आशंका है जिसकी वजह से आग लगी। हालांकि, अभी इसकी जांच पूरी होनी बाकी है।
संयोग अच्छा था कि कृषि निदेशक घरवालों के साथ कार से बाहर आ गए थे और जान बच गई। यह महज एक घटना नहीं है, इसके पहले भी कार में आग लगने की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं।
विशेषज्ञ बताते हैं कि कार में आग लगने की सबसे बड़ी वजह शाॅर्टसर्किट, ओवर हीटिंग ही सामने आती है। ऐसा आप की कार में ना हो, इसके लिए जरूरी है कि आप सावधान रहें। क्योंकि, बाहर से सर्विसिंग और कार मरम्मत का काम कराना जानलेवा हो सकता है। सड़क किनारे के अनाड़ी फीटरों की वजह से ही कार आग का गोला बनती है। फाल्ट को सही करने या फिर कार में नया कुछ कराने की जो व्यवस्था कंपनी के वर्कशॉप में होती है, वह अब भी बाहर नहीं है।
कंपनी में कंप्यूटरीकृत व्यवस्था है, जिससे एक पहलू की जांच हो जाती है और कार सुरक्षित हो जाती है, लेकिन बाहर ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है, जिससे कार के मरम्मत के बाद आप यह जान सके कि आप की कार कितनी सुरक्षित है? एक्सपर्ट के मुताबिक, एक कार में करीब 20 हजार से भी ज्यादा पुर्जों को फिट किया जाता है।
कई बार थोड़े पैसे बचाने के चक्कर में लोग अपनी कार में लोकल जगह से सस्ती और घटिया एक्सेसरीज लगवा लेते हैं। जो मैकेनिक उन्हें फिट करते हैं वो भी अप्रशिक्षित होते हैं। ये लोग अक्सर जल्दबाजी में तारों को सही ढंग से फीटिंग नहीं करते। जिसके चलते शॉर्टसर्किट होने की आशंका बनी रहती है।
सस्ती सीएनजी किट लगवाने से बचें
विशेषज्ञों के अनुसार कुछ पैसे बचाने के चक्कर में अक्सर लोग कार में सस्ती और लोकल सीएनजी किट लगवा लेते हैं। इस तरह की किट में लीकेज की शिकायत बनी रहती है जो कई बड़े हादसों को अंजाम देती हैं। इसलिए हमेशा अधिकृत सेंटर से ही किट लगवाएं। फैक्ट्री फिटेड कंपनी किट में सबसे पहले सिलिंडर पर ऑटोमैटिक रेगुलेटर व चेकवॉल लगा होता है।
लीकेज या किसी दिक्कत के समय यह चेकवॉल फटाफट खुल जाते और सिलिंडर से सारी गैस निकली जाती है जिसकी वजह से कोई बड़ा हादसा नहीं होता। जबकि लोकल किट में ऐसा नहीं होता। लोकल किट आपको 15,000 रुपये से 24,000 रुपये में मिल जाएंगी, जबकि ओरिजिनल किट 55,000 रुपये के आसपास आती है। यहां कीमत ज्यादा जरूर है, लेकिन आपकी और आपके परिवार की जान से बढ़कर नहीं है।
बाहर के अनाड़ी फिटर से सर्विस करवाना पड़ सकता भारी
बहुत बार देखा गया है कि लोग कार में फ्री दी जाने वाली सर्विस के समाप्त होने के बाद वारंटी अवधि को बढ़ाते नहीं हैं। पैसे बचाने के चक्कर में स्थानीय जगह से गाड़ी की सर्विस कराते हैं। कई बार अप्रशिक्षित मैकेनिक गाड़ी की खराब और गलत सर्विस कर देते हैं जिसकी वजह से गाड़ी में आग लगने की आशंका बढ़ जाती है।
गाड़ी में आग लग जाए तो इन बातों का दें ध्यान
अगर आपको इस बात का अंदाजा लग जाए कि आपकी कार आग की चपेट आ गई है तो तुरंत बाहर निकलने की कोशिश करें, क्योंकि कार में बैठे लोग कार्बन मोनोऑक्साइड गैस की चपेट में आ सकते हैं, जो जानलेवा भी साबित हो सकता है।
कार के बोनट के नीचे आग लगी तो उसे खोलने की कोशिश बिलकुल न करें। क्योंकि ऐसा करने से आग को भड़कने के लिए और ऑक्सीजन मिल जाएगी जोकि काफी घातक साबित हो सकता है।
एक्स्ट्रा प्रेशर हॉर्न, लाइटें लगवाने से बचें क्योंकि इन्हें लगवाने में अलग से वायरिंग की जरूरत पड़ती है और इसका बोझ बैटरी पर भी पड़ता है। जिसकी वजह से आग का खतरा बढ़ जाता है। इतना ही नहीं कार में डियोड्रेंट, एयर प्यूरिफायर और कोई ज्वलनशील पदार्थ न रखें।
कार में यह सामान जरूर रखे
सेफ्टी के लिए हमेशा अपनी कार में कैंची, अग्निशमन यंत्र और हथौड़ी हमेशा रखनी चाहिए। क्योंकि अगर आपकी कार में आग लग जाती है तो सीट बेल्ट जाम हो जाती जिसे आप कैंची की मदद से काट सकते हैं।
आग बुझाने के लिए अग्निशमन यंत्र बेहद जरूरी है। यदि कार में आग लग जाए तो हथौड़ी की मदद से आप कार के शीशे को तोड़कर बाहर निकल सकते हैं।
इन वजहों से कार में लगती है आग
वाहन में चलते हुए आग लग जाने के कुछ प्रमुख कारण में इंजन की ओवर हीटिंग, फ्यूल का लीक होना या गाड़ी की वायरिंग में कोई दिक्कत होना होता है, इससे बचने के लिए अधिक पॉवर लेने वाले एक्स्ट्रा एक्सेसरीज को नहीं लगवाना चाहिए।
बहुत से लोग कार को अपने अनुसार चेंज करने के लिए उसके कंपनी फिटेड एक्सेसरीज के साथ छेड़छाड़ करते हैं, जिससे गाड़ी की वायरिंग में बेवजह कट लग जाते हैं जिससे शॉर्टसर्किट होने की संभावना बढ़ जाती है। गाड़ी में अधिक इलेक्ट्रॉनिक एक्सेसरीज न लगवाएं और समय-समय पर मैकेनिक से गाड़ी की जांच जरूर करवाते रहें।
यदि आप एक सीएनजी कार चलाते हैं तो आपको बेहद सावधान रहने की जरूरत होती है, क्योंकि सीएनजी कारों में आग लगने की संभावना अधिक होती है। साथ ही ऐसी गाड़ियों के सभी पुर्जों की जांच समय-समय पर करवाते रहना चाहिए। इसके साथ ही गाड़ी में अच्छी कंपनी का अग्निशमन यंत्र जरूर रखना चाहिए।
कार में मानक से अधिक एक्सेसरीज कतई न लगवाएं। कंपनी से लगी इलेक्ट्रिकल वायरिंग में कतई छेड़छाड़ न करें, नहीं तो सड़क पर दौड़ती आपकी कार किसी भी समय आग का गोला बन सकती है। कंपनी अपने मानकों के अनुसार उसमें लाइट, साउंड फिटिंग, एसी, ब्लोअर, सीएनजी किट और अन्य वस्तुएं लगा कर देती है।
एक्सपर्ट कमेंट
ऑर्बिट सर्विस एडवाइजर अजय तिवारी ने बताया कि चारपहिया गाड़ी चलाने वालों को आउटसाइडर सामान लगवाने से बचना चाहिए। कंपनी में ही उन्हें कोई भी तकनीकी काम करवाना चाहिए। कंपनी के वायरिंग को काटकर जब उसमें अन्य बाहरी इलेक्ट्रॉनिक गेजेट्स जोड़ते हैं, तभी आग लगने जैसी चीजें आ जाती हैं। जब किसी कार में आग लगती है तो सबसे पहले कार में लगे इलेक्ट्रिकल यूनिट जाम हो जाते हैं। पावर विंडो, सीट बेल्ट और सेंट्रल लॉकिंग सिस्टम तक फेल हो जाते हैं, जिसकी वजह से कार में बैठे लोगों को बाहर निकलने में काफी दिक्कतें आती हैं। इसलिए बचाव के सामान भी कार में रखना चाहिए
पहले भी हुई हैं कार लगने की घटनाएं
15 मार्च 2023 : चिलुआताल इलाके में सिद्धार्थनगर के शोहरतगढ़ निवासी अमन वर्मा की कार में आग लग गई थी। वह पत्नी व परिवार के साथ गोरखपुर आए थे। धुआं उठने पर सभी बाहर आ गए जिससे जान बच गई थी। आग की वजह शॉर्टसर्किट सामने आई थी।
31 मार्च 2023 : मानीराम के पास महराजगंज के अनिल जायसवाल की कार में आग लग गई थी। किसी तरह से लोग बाहर निकले थे। लेकिन, शाॅर्टसर्किट से आग लगने की वजह से कार पूरी तरह से जल गई थी