वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज:-वित्तीय वर्ष 2022-23 समाप्त होने के 48 घंटे पहले जिला योजना समिति ने तीन अरब 23 करोड़ 47 लाख रुपये की कार्ययोजना पर मुहर लगाई। अनुमोदित राशि में से लगभग 70 प्रतिशत रकम पहले ही अवमुक्त होकर खर्च हो चुकी है।
152 करोड़ से अधिक की राशि को अब 31 मार्च के भीतर खर्च करने की चुनौती है। प्रभारी मंत्री गिरीशचंद्र यादव ने सभी विभागों को प्राथमिकता के साथ तय सीमा में गुणवत्तापूर्वक काम करने तथा पात्रों को लाभ दिलाने का निर्देश दिया है।
लगभग 10 माह बाद जिला योजना समिति की बैठक करने की सुध हुई है। यह बैठक नियमानुसार अप्रैल या मई में ही हो जानी थी। ऐसा नहीं हो पाया। नतीजतन जब वित्तीय वर्ष के समाप्त होने की उल्टी गिनती शुरू हो गई है तब जाकर अब बुधवार को जिला योजना समिति की बैठक कलेक्ट्रेट में प्रभारी मंत्री गिरीशचंद्र यादव की अध्यक्षता में हुई।
मंत्री ने इसमें अलग-अलग विभागों के बजट व उनके कार्यों समेत पात्रों को दिए जाने वाले लाभ की एक-एक कर समीक्षा की। मंत्री को बताया गया कि शासन की शीर्ष प्राथमिकताओं को ध्यान में रखकर पेयजल, सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं रोजगार आदि के लिए पर्याप्त परिव्यय प्रस्तावित किया गया है।
मंत्री ने विभागों को निर्देश दिया कि आम लोगों की सुविधा व उनके हितों को प्राथमिकता पर रखा जाए। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। बाद में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए तीन अरब 23 करोड़ 43 लाख रुपये का परिव्यय मंजूर किया गया।
हालांकि इसकी तुलना में अनुमोदन की उम्मीद में पहले ही करीब 70 प्रतिशत से अधिक राशि का व्यय विभागों ने कर लिया है। अब डेढ़ सौ करोड़ रुपये से अधिक की राशि का व्यय करने की चुनौती है।
मंत्री ने समीक्षा में पाया कि वर्ष 2021-22 के लिए भी तीन अरब 23 करोड़ 47 लाख रुपये की मंजूरी मिली थी। इसकी तुलना में दो अरब 15 करोड़ 13 लाख 20 हजार रुपये की राशि व्यय की गई है।