Thursday October 02, 2025
BREAKING NEWS
  • वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज:- जम्मू कश्मीर रिजर्वेशन एक्ट हो सकता है लोकसभा में पेश शीत कालीन सत्र के दूसरे दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जम्मू कश्मीर रिजर्वेशन एक्ट 2004 और जम्मू कश्मीर रीऑर्गेनाइजेशन एक्ट 2019 को आज लोकसभा में पेश कर सकते हैं। रिजर्वेशन एक्ट से राज्य सरकार की नौकरियों, कॉलेज एडमिशन में आरक्षण व्यवस्था लागू हो सकेगी। वहीं जम्मू कश्मीर रीऑर्गेनाइजेशन एक्ट 2019 की मदद से जम्मू कश्मीर और लद्दाख का पुनर्गठन किया जाएगा। इसकी मदद से जम्मू कश्मीर में विधानसभा सीटें 83 से बढ़कर 90 हो जाएंगी। साथ ही सात सीटें अनुसूचित जाति और 9 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए भी आरक्षित की जाएंगी।
  • Parliament Winter Session Live: संसद की कार्यवाही शुरू हुई, आज पेश हो सकती है आचार समिति की रिपोर्ट Parliament Winter Session 2023 Live News in Hindi: संसद के शीतकालीन सत्र का आज दूसरा दिन है। पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में घिरी टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ संसद की आचार समिति की रिपोर्ट आज संसद में पेश की जा सकती है। विपक्षी सांसदों की मांग है कि इस रिपोर्ट पर कोई भी फैसला लेने से पहले इस पर संसद में चर्चा होनी चाहिए। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि आचार समिति की रिपोर्ट में महुआ मोइत्रा को संसद सदस्यता से निष्कासित करने की सिफारिश की गई है।
  • इंदौर हादसा: मंदिर में फंसे 15 लोगों को अब तक किया जा चुका रेस्क्यू
  • इंदौर हादसा: CM शिवराज बोले- 10 लोगों को बचाया जा चुका, 9 अब भी फंसे हुए
  • यूपी: उमेश पाल हत्याकांड के बाद बीजेपी विधायक सिद्धार्थ नाथ सिंह की सुरक्षा बढ़ाई गई
  • इंदौर: बेलेश्वर महादेव मंदिर में बावड़ी के ऊपर की छत गिरी, कई फुट गहराई में फंसे लोग
  • इंदौर में रामनवमी पर बड़ा हादसा, मंदिर की छत धंसी, कुएं में गिरे लोग, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
  • पश्चिम गोदावरी: रामनवमी के लिए बनाए गए पंडाल में शार्ट सर्किट से लगी आग
  • दिल्ली: शोभा यात्रा को लेकर पुलिस अलर्ट, जगह-जगह लगाया बैरिकेड
  • लंदन, सैन फ्रांसिस्को, कनाडा में भारतीय दूतावासों के बाहर हिंसक प्रदर्शन करने वालों पर होगा एक्शन
  • नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस से 24 घंटे में 3016 लोग पॉजिटिव, संक्रमण दर 2.73% पहुंची
  • संभाजीनगर में डुप्लीकेट शिवसेना की वजह से तनाव की स्थिति: संजय राउत
  • पंजाब: अमृतपाल की धरपकड़ के लिए जालंधर और कपूरथला में हाई अलर्ट
  • दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ फिर लगे पोस्टर्स, अब शिक्षा को लेकर घेरा गया
  • J-K: कठुआ में सर्च ऑपरेशन के दौरान सुरक्षाबलों को खेतों में मिला जिंदा ग्रेनेड

देश News

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एजेंडा चलाने वाली ग्लोबल रैंकिंग एजेंसियों पर नकेल कसने की तैयारी

वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज :-सान्याल के मुताबिक दिक्कत ये है कि इनका आकलन जिस आधार पर किया जाता है या गणना की जाती है, उसे लेकर समस्या है। जिस तरह से चीजें चल रही हैं, उसे देखते हुए तो विकासशील देश इस चर्चा से ही बाहर हो जाएंगे। 

भारत की सरकार एजेंडा चलाने वाली ग्लोबल रैंकिंग एजेंसियों पर नकेल कसने की तैयारी कर रही है। प्रधानमंत्री मोदी की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य संजीव सान्याल ने यह जानकारी दी है। एक इंटरव्यूट में संजीव सान्याल ने कहा कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस मामले को उठाना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि इन रैंकिंग को नॉर्थ अटलांटिक के थिंक टैंकों के छोटे समूहों द्वारा तैयार किया जाता है और तीन या चार फंडिंग एजेंसियों द्वारा इनकी फंडिंग की जाती है और यही एजेंडा चला रहे हैं।

व्यापार, निवेश पर होता है इनका असर

संजीव सान्याल ने कहा कि यह गलत तरीके से नैरेटिव गढ़ने की कोशिश है, जिसका व्यापार, निवेश और अन्य गतिविधियों पर सीधा प्रभाव पड़ता है। बता दें कि बीते दिनों न्यू वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स की रिपोर्ट जारी हुई थी, जिसमें भारत को अफगानिस्तान और पाकिस्तान से भी नीचे रखा गया है। वहीं एकेडमिक फ्रीडम इंडेक्स में भी भारत को पाकिस्तान और भूटान से नीचे जगह दी गई है। 

रेटिंग एजेंसियों के तरीकों में खामियां

संजीव सान्याल ने कहा कि बीते कुछ सालों में भारत ने कई बैठकों में इस मुद्दे को उठाया है और बताया है कि वर्ल्ड बैंक, वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम और यूनाइटेड नेशंस डेवलेपमेंट प्रोग्राम जैसे संस्थान जिन ग्लोबल एजेंसियों से रिपोर्ट तैयार कराते हैं, उनके रिपोर्ट तैयार करने के तरीकों में खामिया हैं। सान्याल ने इन ग्लोबल रैंकिंग की अहमियत के बारे में बताते हुए कहा कि पर्यावरण, सामाजिक और प्रशासन में फैसले लेते समय इन रेटिंग्स का भी ध्यान रखा जाता है। कई इंटरनेशनल बैंक तो पर्यावरण, सामाजिक और प्रशासन के आधार पर लोन सब्सिडी देते हैं। 

सरकार ने उठाए कदम

सान्याल के मुताबिक दिक्कत ये है कि इनका आकलन जिस आधार पर किया जाता है या गणना की जाती है, उसे लेकर समस्या है। जिस तरह से चीजें चल रही हैं, उसे देखते हुए तो विकासशील देश इस चर्चा से ही बाहर हो जाएंगे। एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय सचिवालय में यह मामला उठा है, जिसके बाद इस साल इस मुद्दे पर दर्जनों बैठकें हो चुकी हैं। कई विकासशील देश मानते हैं कि जिस तरह से रेटिंग एजेंसियां रिपोर्ट तैयार करती हैं, वह नव औपनिवेशवाद का नया रूप लगता है। देश के विभिन्न मंत्रालय इन रेटिंग एजेंसियों के साथ लगातार चर्चा कर रहे हैं।